नया साल नई पीढ़ी और मिजोरम में इतिहास रचने वाला पल 1 जनवरी 2025 को भारत के पहले जनरेशन बीटा बेबी का जन्म हुआ एक ऐसी घटना जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा नाम है फ्रैंकी रेमरुआतडिका ज़ाडेंग मिजोरम के ऐज़ौल डेट्रॉन स्थित सिनोड अस्पताल में ये ऐतिहासिक छड़ हुआ, बता दें कि यह है आने वाले कल की पीढ़ी एक ऐसी पीढ़ी जो हम सबसे बहुत अलग होगी बहुत एडवांस्ड होगी यूं समझ लीजिए कि 2025 से जो बच्चे पैदा होंगे वह सब कहलाएंगे जनरेशन बीटा जैसे अभी 2010 से 2024 तक पैदा होने वाले बच्चों को जनरेशन अल्फा कहते हैं
अब यह जनरेशन बीटा वाले बच्चे कैसे होंगे यह होंगे एकदम हाईटेक इनके जमाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्चुअल रियलिटी यह सब आम बात होगी आप समझ लीजिए कि यह पैदा ही मोबाइल कंप्यूटर इंटरनेट के साथ होंगे एक तरह से यह टेक्नोलॉजी के साथ ही बड़े होंगे दोस्ती पढ़ाई लिखाई काम सब कुछ ऑनलाइन लेकिन कुछ जानकार लोग चिंता भी जता रहे हैं उन्हें लगता है कि यह बच्चे इतने ज्यादा टेक्नोलॉजी में डूबे रहेंगे कि शायद यह असली दुनिया असली रिश्ते असली भावनाएं इन सबसे दूर ना हो जाएं यह भी कहा जा रहा है कि यह बच्चे पर्यावरण को बचाने की तरफ ज्यादा ध्यान देंगे क्योंकि इनके जमाने में दुनिया में प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग जैसी दिक्कतें और बढ़ चुकी होंगी हालांकि कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि यह बच्चे अपने आप को व्यक्त करने में माहिर होंगे और साथ ही साथ ऑनलाइन दुनिया में अपनी एक अलग पहचान भी बनाएंगे
अब आप सोच रहे होंगे कि यह पीढ़ियों के नाम आखिर रखता कौन है तो यह जो नाम है ना अ बीटा यह सब ग्रीक भाषा के अक्षर हैं जैसे अंग्रेजी में ए बी सी डी होता है ना वैसे ही ग्रीक में अल्फा बीटा गामा वगैरह होता है तो 2010 से 2024 तक वालों को अल्फा कहा गया और अब 2025 से जो शुरू हो रहे हैं उन्हें बीटा कहा जा रहा है यह नाम रखने का चलन इसलिए शुरू हुआ क्योंकि आजकल की पीढ़ियां टेक्नोलॉजी के हिसाब से बहुत तेजी से बदल रही हैं अब थोड़ा पीछे मुड़कर देखते हैं और पिछली पीढ़ियों के बारे में जानते हैं
द ग्रेटेस्ट जनरेशन 1901 से 1927 तक योद्धाओं की पीढ़ी यह वो लोग थे जिन्होंने जिंदगी में बड़ी मुश्किलें देखी थी विश्व युद्ध आर्थिक महामंदी सब कुछ झेला इन्होंने सोचिए ना बिजली ना ढंग के अस्पताल फिर भी इन्होंने हार नहीं मानी यह लोग बड़े जिद्दी और मेहनती थे देश के लिए जान तक देने को तैयार तभी तो इन्हें ग्रेटेस्ट जनरेशन कहा जाता है मतलब सबसे महान पीढ़ी.
इसके बाद आती है द साइलेंट जनरेशन 1928 से 1945 तक शांति के दूत यह लोग थोड़े शांत स्वभाव के थे ज्यादा हल्लागुल्ला नहीं करते थे इन्होंने भी विश्व युद्ध का दौर देखा था और शीत युद्ध की शुरुआत भी यह लोग नियम कानून मानने वाले इज्जतदार और वफादार होते थे भले ही यह लोग ज्यादा बोलते नहीं थे लेकिन समाज को बदलने में इनका भी बड़ा हाथ था.
फिर आए बेबी बूमर्स 1946 से 1964 इन्हें आशा की किरण कहा गया विश्व युद्ध के बाद जब दुनिया थोड़ी संभली तो इस पीढ़ी का जन्म हुआ इन्हें बेबी बूमर्स इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दौर में बहुत बच्चे पैदा हुए यह लोग बड़े आशावादी कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाले थे इन्होंने समाज में कई बदलाव लाए और एक नई सोच को जन्म दिया इन्हीं के जमाने में इंसान चांद पर भी पहुंचा था,
फिर आई जनरेशन एक्स 1965 से 1980 तक बदलाव के राही यह वो दौर था जब तलाक बहुत बढ़ रहे थे आर्थिक तंगी भी थी और दुनिया में बहुत उथल-पुथल मची हुई थी इस पीढ़ी के लोग थोड़े अकेले-अकेले से रहते थे खुद पर भरोसा रखने वाले इन्होंने कंप्यूटर और म्यूजिक वीडियो का जमाना देखा और एक तरह से ये पुरानी और नई पीढ़ी के बीच का पुल थे इन्होंने एलजीबीटी क्य प्लस अधिकारों के लिए भी आवाज उठाई.
फिर आते हैं मिलेनियल यानी जनरेशन वाई 1981 से 1996 इंटरनेट के दीवाने यह लोग इंटरनेट के साथ बड़े हुए टेक्नोलॉजी की इन्हें अच्छी समझ थी इन्हें चीजों से ज्यादा अनुभवों से प्यार था जैसे घूमना फिरना और नई चीजें सीखना 9/11 का हमला आर्थिक मंदी इन सब चीजों का इन पर बहुत असर पड़ा यह लोग मिलजुलकर काम करने में यकीन रखते हैं और अपनी जिंदगी में काम और आराम दोनों को बराबर अहमियत देते हैं.
इसके बाद आई जनरेशन जी यानी आई जन 1997 से 2010 डिजिटल दुनिया के बादशाह यह तो पैदा ही मोबाइल और सोशल मीडिया के जमाने में हुए इन्हें दुनिया भर की खबर रहती है और यह अपनी बात कहने से डरते नहीं हैं पर्यावरण समानता मानसिक स्वास्थ्य इन सब मुद्दों पर यह खुलकर बोलते हैं कोरोना महामारी ने इनकी जिंदगी पर बहुत गहरा असर डाला है,
इसके बाद आई जनरेशन अल्फा 2010 से 2024 स्मार्ट किट्स यह अभी तक की सबसे छोटी पीढ़ी है जो एआई स्मार्ट डिवाइस और वर्चुअल रियलिटी के साथ बड़ी हो रही है कहा जा रहा है कि यह अब तक की सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी पीढ़ी होगी और पूरी दुनिया को एक नजर से देखेगी इनके जमाने में आवाज से चलने वाले उपकरण जैसा कि हमने देखा ही है अलेक्सा और गूगल असिस्टेंस और खुद से चलने वाले गाडिया आम बात होगी,
और अब 2025 से दस्तक दे रही है जनरेशन बीटा इनके जमाने में टेक्नोलॉजी और भी ज्यादा एडवांस होगी क्वांटम कंप्यूटिंग आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस यह सब इनकी जिंदगी का अटूट हिस्सा होंगे और हां पर्यावरण को बचाना इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी जिसके लिए यह जरूर कुछ ना कुछ नया करेंगे यह पीढ़ी दुनिया को एक नए नजरिए से देखेगी इसमें कोई शक नहीं तो यह थी जनरेशन की कहानी एकदम दिलचस्प अंदाज में हर पीढ़ी अपने आप में खास है और हर पीढ़ी ने दुनिया को कुछ ना कुछ दिया है अब देखना यह है कि यह नई जनरेशन बीटा क्या कमाल करती है.
उम्मीद है कि एक बेहतर ज्यादा समझदार और ज्यादा जिम्मेदार पीढ़ी साबित होगी आपको यह जानकारी कैसी लगी क्या आप भी जनरेशन बीटा को लेकर उत्साहित हैं और हां कमेंट में जरूर बताएं कि आप कौन सी जनरेशन से हैं.